" चौपाल भारती में आपका स्वागत है" ..... जल है तो कल है "....." नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब " ..... - अशोक बजाज
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बुधवार, 30 मार्च 2016

राष्ट्रीय सहकारी सेमीनार नई दिल्ली

विगत 20-21 मार्च को देश की राजधानी नईदिल्ली में राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंक्स महासंघ National Federation of State Cooperative banks (NAFSCOB) , भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ National Coperative union of India (NCUI) एवं  राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (Nabard) के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया. सेमीनार का विषय था - "National Conference on Recent Trends in Short Term Coperative Credit Structure : Towards strengthening".

इस सेमीनार में देश भर के राज्य सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों एवं चुनिन्दा पैक्स (pacs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. नेफ्सकाब के उपाध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष के नाते मैंने इस सेमीनार में अपने विचार रखे.
फसल बीमा के साथ-साथ फसल ऋण का भी बीमा हो -  अशोक बजाज 

कृषि ऋण की वितरण प्रणाली को सरल, पारदर्शी व व्यापक बनाने समितियों को ऑनलाईन करने की मांग 
  

रायपुर। अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज दिल्ली में गत रविवार व सोमवार को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में शामिल हुए । सेमीनार का आयोजन नेफ्सकाॅब, एन.सी.यू.आई. और नाबार्ड के तत्वाधान में किया गया था । कार्यक्रम में बोलते हुए अध्यक्ष श्री बजाज ने कहा कि किसानों को दिये जाने वाले फसल ऋण का विस्तार कैसे किया जाए इस पर गहन मंथन की आवश्यकता है । इसके अलावा ऋण के जोखिम को कम करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है । इसके लिए सुझाव देते हुए अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि ऐसी नीति तैयार किये जाने की आवश्यकता है जिसमें फसल बीमा के साथ-साथ फसल ऋण का भी बीमा हो, उन्होने कहा कि इस तरह की पाॅलिसी तैयार करने में यह व्यवस्था हो कि कम से कम भार किसान पर पड़े । इसके अलावा फसल बीमा का अधिक से अधिक लाभ कैसे किसानों को दिया जाए इस पर भी श्री बजाज ने सेमीनार में अपने सुझाव रखे । सहकारी बैकों के माध्यम से जो ऋण किसानों को दिया जाता है उसमें औसतन 80 प्रतिशत ही वसूली होती है । अगर ऋण का भी बीमा होगा तो शत-प्रतिशत ऋण की वसूली सुनिश्चित हो जाएगी तथा सहकारी समितियां घाटे से उबर जायेंगीं । मगर यहाॅं पर यह ध्यान देने की जरूरत है कि किसानों के उपर नई योजना का अधिक भार न पड़े । नेफ्सकाॅब, सहकारी संघ, एन.सी.यू.आई. और नाबार्ड के राष्ट्रीय सेमीनार में बोलते हुए अपेक्स बैंक रायपुर के अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि देश में कृषि ऋण के मामले में सहकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, अतः इन संस्थाओं की मजबूती बेहद आवश्यक है । उन्होंने सहकारी समितियों के कामकाज को ऑनलाइन करने हेतु नाबार्ड से पर्याप्त वित्तीय व्यवस्था करने की मांग की ताकि कृषि ऋण की वितरण प्रणाली को सरल, पारदर्शी व व्यापक बनाया जा सके। श्री बजाज  ने छत्तीसगढ़ की भांति अन्य प्रदेशों में भी किसानों को शून्य प्रतिशत पर ऋण वितरित किये जाने की वकालत की । कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुन्दारिया, अंतराष्ट्रीय को-आपरेटिव बैंकिंग एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री जीन लुईश बंसेल, नेफ्सकाॅब के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी, राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री चंद्रपाल सिंह यादव, भारत सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त संचालक श्री आशीष भुटानी, नेफ्सकाॅब के प्रबंध संचालक श्री बी.सुब्रहम्यणम्, एन.सी.यू.आई. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दिनेश कुमार, जिला सहकारी बैंक रायपुर के अध्यक्ष योगेश चंद्राकर, दुर्ग के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद गुप्ताउपस्थित थे । 

राष्ट्रीय सेमीनार की कुछ तस्वीरें






















बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

गणतंत्र दिवस 2016 की झलकियाँ

गणतंत्र दिवस 2016 की झलकियाँ  
गणतंत्र दिवस 2016 : चौपाल रायपुर में ध्वजारोहण.

 गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में बाल मित्र पत्रिका का विमोचन.
गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में बाल मित्र पत्रिका का विमोचन.

गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय बजरंग हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय बजरंग हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर. 

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.
                                                                                 
गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर का मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).

गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).
गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).

                                                                           
गणतंत्र दिवस 2016 : ग्राम टोकरो (अभनपुर) .

                            गणतंत्र दिवस 2016 : ग्राम उपरवारा (नया रायपुर) .

                               

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

पलायन मुक्त हुआ छत्तीसगढ़ - अशोक बजाज

डाॅ. रमन सरकार के 12 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष लेख 

त्तीसगढ़ की प्रथम निर्वाचित सरकार ने डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में 12 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं। किसी भी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए 12 वर्ष पर्याप्त है लेकिन जिस सरकार को बेकारी, भूखमरी, पलायन एवं पिछड़ापन विरासत में मिला हो उस सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए 12 वर्ष का समय पर्याप्त नहीं है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां के खेतिहर मजदूर लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष अन्य राज्यों में पलायन करते थे। पदभार ग्रहण के समय छत्तीसगढ़ से पलायन को रोकना डाॅ. रमन सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती थी। इन बारह वर्षों में सरकार ने कृषि व ग्रामीण विकास की नीतियां बनाकर छत्तीसगढ़ को पलायनमुक्त राज्य बनाया। किसानों को उन्नत बीज प्रदान किया गया ताकि वे विपुल उत्पादन कर सके। इससे छत्तीसगढ़ अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बना। 

कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या रहती है कि खेती पूरी तरह मानसून के भरोसे रहती है लेकिन रमन सरकार की नीति के चलते सिंचाई रकबा बढ़ गया। किसानों को ना केवल बोर खनन के लिए बल्कि विद्युत व डीजल पंप खरीदने के लिए शासन ने अनुदान देना प्रारंभ किया। शाकम्भरी योजना के अंतर्गत लघु व सीमांत किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान होने से विद्युत व डीजल पंपों की बाढ़ आ गई। किसान समृध्दि योजना के अंतर्गत किसानों को नलकूप खनन एवं पंप प्रतिस्थापित करने हेतु 25000 रू. से 43000 रू. तक के अनुदान का प्रावधान रखने से भूजल श्रोतों का उपयोग कृषि उत्पादन के लिए होने लगा। ये ही नहीं बल्कि वर्षा जल को रोकने के लिए नदी - नालों में एनीकट, नालाबंधान एवं स्टाॅप डेम बनाये गये। इसी का परिणाम है कि कृषि के क्षेत्र में मानसून की निर्भरता कम हुई और किसान अच्छी पैदावार लेने में सफल हुए।

 त्तीसगढ़ के किसानों को खेती के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इन बारह वर्षाें में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से मिलने वाले फसल ऋण पर ब्याज दर 13 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत, बाद में 6 प्रतिशत फिर बाद में 3 प्रतिशत किया गया। पिछले 2 वर्षों से तो किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वर्ष राज्य के 925504 किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 2400 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है। कृषि व किसानों के प्रति सरकार की उदार व प्रगतिशील नीतियों के चलते अन्न का भरपूर उत्पादन होने लगा। कृषि के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पूर्णतः पलायनमुक्त राज्य के रूप में स्थापित हुआ। 

सी प्रकार ग्रामीण विकास की दिशा में शासन ने ठोस कदम उठाकर गांवों में बुनियादी सुविधाओं शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संचार के साधन विकसित किये। शिक्षा को प्राथमिकता देने का ही यह परिणाम है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रवेशी एवं शाला त्यागी बच्चों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है। न बारह वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपस्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गई तथा कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया।

डाॅ. रमन सरकार ने गरीबों को चिंतामुक्त करते हुए सस्ते चांवल की योजना बनाई जो गरीबी व पलायन को रोकने में काफी कारगर सिध्द हुई है। इस योजना से राज्य की आधी से अधिक आबादी लाभान्वित हो रही है। यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ की जनता के दिल में प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅं रमन सिंह चाउर वाले बाबा के रूप में स्थापित हो गए हैं। 

तः हम कह सकते हैं कि डाॅ. रमन सिंह के कुशल नेतृत्व व प्रगतिशील नीतियों के चलते नवोदित छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में आ गया है। आज समूचे देश में छत्तीसगढ़ की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं का ना केवल जिक्र हो रहा है बल्कि उनका अनुसरण भी हो रहा है। जो अपने आप में सफलता का परिचायक है। हमें यह कहने में भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि छत्तीसगढ़ की राजनीतिक क्षितीज में डाॅ. रमन सिंह अंगद के पांव की तरह स्थापित हो चुके हैं। 

शनिवार, 18 अप्रैल 2015

पासपोर्ट साईज फोटो


PASSPORT SIZE PHOTO


अशोक बजाज अभनपुर, रायपुर, छत्तीसगढ़ 

ASHOK BAJAJ ABHANPUR RAIPUR CHHATTISGARH 

ASHOK BAJAJ ABHANPUR RAIPUR CHHATTISGARH