अमृतकाल में हमारे इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, परंपरा
और सभ्यता को आधुनिकता से जोड़ने का सुंदर प्रयास
देश भर के चुने हुए प्रतिनिधि इस राजदंड सेंगोल के सम्मुख होकर जब कोई चर्चा करेंगे तब यह राजदंड उन्हें राष्ट्रबोध का आभाष कराएगा।
धर्म, सच्चाई और निष्ठा। किसी ज़माने में सेंगोल राजदंड भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक हुआ करता था. इसे इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा गया था अब यह नए संसद भवन में शोभायमान होगा. संसद देश की सबसे बड़ी पंचायत है. जहाँ इस विशाल भारत की जनता की समृद्धि व खुशहाली तथा राष्ट्रहित के मुद्दों पर नीतिगत फैसले लिए जाते है. देश भर के चुने हुए प्रतिनिधि इस राजदंड सेंगोल के सम्मुख होकर जब कोई चर्चा करेंगे तब यह राजदंड उन्हें राष्ट्रबोध का आभाष कराएगा, यानी 'सेंगोल' सम्मुख होगा राष्ट्रबोध.
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